किसान के बेटे को विशाल संकल्प ने दिए हौसलों के पंख

किसी भी फूल को कोई महक नही दे सकता है,अगर हम कुछ दे सकते है तो सिर्फ खाद पानी,फूल तो खुद ही कहता है कि (महकने दो)

चार दिन पहले एक बच्ची को मदद करने के लिये एक पोस्ट डाली थी! जिसमे चार तरह के लोगों ने चार तरह की बातें की।लेकिन मुझे ये तस्वीर साझा करने में बहुत खुशी हो रही है।

मेरे प्रयागराज में मदद करने वालों की कमी नही है।आज समर चटर्जी सर से उस बच्ची की मुलाकात मेरे घर पर हुई।सर ने बस एक बहुत अच्छा प्रश्न पूछा उस बच्ची से कि बेटा आपको ये मदद वापस करनी होगी।कैसे वापस करोगे?बच्ची ने भी दिल खुश करने वाला जवाब दिया कि मेहनत से पढ़ाई करूंगी और जब लायक बन जाऊँगी तो मेरे जैसे और बच्चों की मदद करूंगी।

साथियों,आज भी मानवता ज़िंदा है।किसी की जब कोई मदद करता है उसका हिसाब सिर्फ ईश्वर के पास ही हो सकता है।विश्वास बड़ी चीज है,आपको करना ही होगा।नही करेगे तो अशांत रहेगें और करेगें तो निश्चिंत।
आज पहली बार मैं समर जी से मिली और सर पहली बार उस बच्ची से,सेतु सिर्फ विश्वास का है।

संस्था ने उस बच्ची की पहचान अभी भी छुपाई है क्योंकि हमें उसे आत्मसम्मान के पंख देना है,सहारे की बैसाखी नही।

सभी साथियों को धन्यवाद जो मदद के लिये आगे आये।इस संदर्भ में किसी से एक रुपये भी नही लिया गया है।विशाल संकल्प संस्था का उद्देश्य सिर्फ सेवा है।
पैसा नही,आपका सहयोग चाहिये।

अंजलि विशाल संकल्प

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