वृद्धाश्रम का एक मार्मिक क्षण

जब कल मैंने एक वृद्ध से उनका परिचय पूछा तो उन्होंने,अपना नाम बताया,साथ बताया अपने घर का पता मकान नम्बर सहित,

वो घर जिसे वो छोड़ कर वृद्धाश्रम आये।

रात भर मैं सोचती रही कि ज़िंदगी मे कितनी ही चीज़ों को हम,छोड़ कर भी छोड़ नही पाते।

फिलहाल,माता पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के लिये,हम सभी को जिम्मेदार रहना चाहिये,सार बस इतना है।

विशाल संकल्प संस्था के द्वारा आयोजित,कल के कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजियेगा।

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