जी,हां विशाल संकल्प की एक सकारात्मक पहल।
वो कहानी याद है ना आपको कि, मैं अपनी टूटी चप्पलों की शिकायत कर ही रहा था कि,बिना पैर वाले को इबादत करते देख शर्मिंदा हो गया।
सच मे हमें, जो कुछ मिला है हमें उसका सदुपयोग करना सीखना है।
आप सोच भी नही सकते कि आपकी उतरन,भी किसी को ब्रांडेड कपड़े सी फीलिंग दे सकती है।बशर्ते, आप झुकी नज़रों के साथ अदब से दे उन्हें।
रीयूज,बुरी बात नही।
स्लम बस्ती में,बच्चों को शिक्षा के साथ2 उनकी जरूरत की चीज़ें भी यथा संभव उपलब्ध करवाने की कोशिश रहती है संस्था की।
आज मिंटो पार्क,स्लम बस्ती में वस्त्र वितरण का कार्यक्रम हुआ।कपड़े पुराने थे पर खुशियां नई।
आप ये करिये या ना करिये,लेकिन अपने बच्चों को जरूर प्रेरित करिये।उन्हें शेयरिंग सिखाइये,बाटना सिखाइये।
नोट-संस्था कपड़े इकट्ठा नही करती।आप साथ जुड़कर,वितरण कर सकते है।