शिक्षा,एक दिन का काम नही,
एक सतत प्रक्रिया है।
शिक्षा के परिणाम,स्थायी होते
है।
लेकिन,उसी पेड़ की तरह इसकी जड़ो पर काम करना होता है,जो बीज से वटवृक्ष बना।
विशाल संकल्प संस्था बेटियों की शिक्षा की पक्षधर रही है हमेशा क्योंकि, परिवर्तन की सुई यहीं अटकी है।बेटियां पढ़ेगी,तो पीढियां पढ़ेगी।
आप तस्वीर में देखरहे है कि,संस्था द्वारा एक बच्ची का एडमीशन करवाया गया,उच्च शिक्षा के लिये,आर्यकन्या डिग्री कॉलेज में।
हमेशा की तरह,संस्था व उस बच्ची के अतिरिक्त कोई नही जानता कि वो बच्ची है कौन।हा, कल को शिक्षा पूरी करके वो बच्ची सम्मान के साथ इस बात को साझा करेगी इसका,हमे विश्वास है।
शिक्षा एक दिन का कार्यक्रम नही,एक सतत चलने वाला क्रम है।जिसमे धीरे2 परिवर्तन होता है जो कि स्थायी होता है।देश और समाज का परिवर्तन इसी शिक्षा पर निर्भर होता है।
भारत मे स्कूल-कॉलेज ड्रॉपआउट करने के पीछे बहुत सारे कारण होते है।उनमें से एक कारण आर्थिक भी है।इस कोरोना में बहुत सारे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है।
संस्था इस क्षेत्र में ज़मीनी स्तर पर काम करती है क्योंकि एक बच्ची की शिक्षा का असर दो परिवारों पर पड़ता है।
आज विशाल संकल्प संस्था के माध्यम से,बहुत सारे बच्चे अपनी शिक्षा ले रहे है और ये देशहित में,सबसे बड़ा यज्ञ है।
आप भी अपनी आहुति इसमें दे सकते है।
जय हिंद
अंजलि विशाल संकल्प